अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर डबल डिजिट में 10.87 फीसदी रहा है तो खुदरा महंगाई दर 14 महीने के हाई पर
जारी भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के साथ डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी कमजोरी महंगाई पर दबाव बढ़ सकता है खासतौर से आयातित महंगाई पर. उन्होंने कहा, घरेलू और आयातित महंगाई के चलते इस बात के आसार बेहद कम है कि आरबीआई जल्दबाजी में पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव करेगा. अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर डबल डिजिट में 10.87 फीसदी रहा है तो खुदरा महंगाई दर 14 महीने के हाई पर
अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर (Consumer Price Index) के आंकड़े के 6 फीसदी के पार जाने के बाद एक तरफ भारतीय शेयर बाजार में बुधवार के कारोबारी सत्र में मायूसी है तो इसके चलते सस्ती ईएमआई (EMI) की उम्मीदों को भी जोर का झटका लगा है. खुदरा महंगाई दर आरबीआई (RBI) के टोलरेंस बैंड के अपर लिमिट से काफी ऊपर 6.21 फीसदी रही है. ऐसे में दिसंबर 2024 में होने वाली आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक (RBI MPC Meeting) में रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती संभावना खत्म हो गई है.
एसबीआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महंगाई दर में आई तेज उछाल के बाद फरवरी 2025 में भी आरबीआई की ओर से पॉलिसी रेट्स में कटौती की संभावना बेहद कम है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) पूर्व में कई बार संकेत दे चुके हैं महंगाई दर के 4 फीसदी पर स्थिर रहने के बाद ही सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कमी करने पर विचार करेगी. खाद्य महंगाई दर आरबीआई के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर डबल डिजिट में 10.87 फीसदी रहा है तो खुदरा महंगाई दर 14 महीने के हाई पर है. नाइट फ्रैंक इंडिया के नेशनल डायरेक्टर रिसर्च विवेक राठी के मुताबिक, जारी भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के साथ डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी कमजोरी महंगाई पर दबाव बढ़ सकता है खासतौर से आयातित महंगाई पर. उन्होंने कहा, घरेलू और आयातित महंगाई के चलते इस बात के आसार बेहद कम है कि आरबीआई जल्दबाजी में पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव करेगा. अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर डबल डिजिट में 10.87 फीसदी रहा है तो खुदरा महंगाई दर 14 महीने के हाई पर
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